Friday, August 29, 2014

आख़िरकार भारत चुप क्यों है??


आज कुछ दोस्तों के साथ ऐसे ही बात बात में कुछ चर्चा हो गई. यह चर्चा इतनी अच्छी हुई की ब्लॉग लिखने इच्छा हो गई। वैसे भी इन दिनों इस विषय पर कुछ ज्यादा ही चर्चा हो रही है। यह विषय है पाकिस्तान की तरफ से सीमा पर हो रही गोलीबारी। मेरे दोस्त पूछ रहे थे की पाकिस्तान ऐसा क्यों कर रहा है?  और अगर वो ऐसा कर रहा है तो हिंदुस्तान क्यों कुछ करता नहीं है?

वैसे मैंने पहले ही इस बारे में एक ब्लॉग लिखा हुआ है। आज फिर से इस विषय पर ब्लॉग लिख रहा हुँ। 

जैसे की मैं पहले ही अपने ब्लॉग में लिखा है, की पाकिस्तान की तरफ से जब भी कोई ऐसी हरकत होती है तब तब हम कहते है की अब इसे खत्म करो, इसको कुचल दो। वैसे भी हाल ही में बनी नई सरकार से सबको ऐसी उम्मीद भी है की कोई ऐसा कदम उठाया जाए। लेकिन नई सरकार के लिए इस बारे में फ़िलहाल कुछ करने के हालत में नहीं है। जिसकी वजह है भारतीय सेना का बारुदखाना। भारतीय बारुदखाने की हालत अभी इतनी खस्ता है की ७०% से ज्यादा हथियार आउटडेटेड हो चुके है। और अगर अभी भारत कोई सम्पूर्ण युध्धमे सक्रीय होता है तो हमारे पास सिर्फ २० दिन चले इतना ही गोलाबारूद है। क्या इस हालात में हमें पाकिस्तान के साथ युद्ध की घोषणा करनी चाहिए

साथ ही साथ हमें यह भी नहीं भूलना है की हम चारो तरफ से दुश्मन देशो से घिरे हुए है। हमारे पश्चिम - उत्तर में पाकिस्तान है, तो पूर्वोत्तर में चीन और बांग्लादेश। मित्र राष्ट्र नेपाल की गिनती कर सकते है, नेपाल से कोई सैन्य मदद की अपेक्षा करना और उसपे दारोमदार रखना खुद के पैरो पे कुल्हाड़ी मारने के बराबर होगा। ऐसे  में भारत पास कोई ठोस कदम उठाने को कुछ ज्यादा जगह नहीं है। हम निसंदेह पाकिस्तान को फिर से एकबार फिर हरा सकते है। हमारे पास इतना सैन्यबल और दमखम है। लेकिन चीन की अरुणांचल में बढ़ रही गतिविधियों को देखते हुए हम यह जोखिम नहीं उठा सकते। मान लीजिये की हमने कल पाकिस्तान से युद्ध की घोषणा करदी। और जब हमारा पूरा ध्यान पाकिस्तान की तरफ होगा तब  चाइना ने पीछे से अरुणांचल में हमपे आक्रमण कर दिया तो क्या होगा? हमारी हालत चक्कीमे पिसते हुए गेहू जैसी हो जाएगी। हम न तो पाकिस्तान  पाएंगे न ही न ही अरुणांचल को बचा पाएंगे।

 ###  आखिर पाकिस्तान अभी ऐसा क्यों है?

पाकिस्तान की इन हरकतों की वजह पुरानी और साफ है।

१) पाकिस्तान खुद अपने ही पैदा किये आतंकवादीओ से परेशान है। 

पाकिस्तान ने भारतीय सीमा पर अपने आतंकवादियों को भेजकर अपनी रणनीतिक दूरदर्शिता का ही परिचय दिया है। पाकिस्तान के लिये इस समय एक गंभीर समस्या बने हुये इन आतंकवादियों से मुक्ति पाने और इन्हे कमजोर करने का यह एक अच्छा विकल्प है, क्योंकि भारत की ज़बाबी कार्यवाही में सीमा पर अग्रिम पंक्ति में तैनात यही आतंकवादी पहले मारे जायेंगे, और पाकिस्तानी सेना को भी किसी प्रकार का सीधा नुकसान नही उठाना पड़ेगा। विपरीत यदि यह आतंकवादी भारत में घुसने में सफल हो जाते हैं तो, पाकिस्तान आतंकवादियों से इस बात का श्रेय लेने में सफल हो सकेगा कि, उसके सक्रिय सहयोग से ही आतंकवादी भारत में जाने में सफल हुये, लिहाज़ा आतंकवादी गतिविधियों से पाकिस्तान को क्षति पहुंचाने की अपनी कार्यवाही बंद करे। 

२) पाकिस्तानमें मौजूदा हालत में कभी  परिवर्तन हो सकता है। 

२८ अगस्त को अभी जब मैं  यह लिख रहा हु तब यह समाचार आया है की पाकिस्तान में फिर एक बार सैन्य शाषन की घोषणा हो सकती है।  इससे पहले पाकिस्तान में १४ अगस्त को दो अलग अलग नेताओ की आगेवानी में दो रैलियों का आयोजन हुआ था। जिसमे करीब १५००० लोगोने हिस्सा लिया और यह रेलिया इस्लामाबाद पहुंच गई। और पाकिस्तान संसद को घेर कर मौजूदा प्रदानमंत्री नवाज़ शरीफ की सरकार को बर्खास्त करने की मांग कर रहे है। इन दो नेताओ में पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर और राजकारणी इमरान खान और एक धर्मगुरु ताहिर उल क़ादरी का शुमार होता है। पिछले १२ दिनोसे प्रदर्शनकर्ता और सरकार के बीच बातचीत चल रही थी। जिससे कोई समाधान न निकलनेके कारन २८ को देर रात को सैन्य ने दोनों पक्षों के बीच दरमियान गिरी करने  फैसला किया है। ऐसे हालत में पाकिस्तान आर्मी को देशवासियो  के समर्थन भी जरुरत है।  इसलिये पाकिस्तान के द्वारा बारंबार सीज़फायर का उलंघन किया  जा रहा है। ताकि भारत की और से खतरा बढ़ रहा है ऐसा दिखा के फिर से एकबार सैन्यशासन लाया जा सके। 

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सैन्य समीकरण 

तो अब आप ही बताओ की भारत को क्या करना चाहिए?

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